तेनालीराम और तीखी मिर्च: एक मज़ेदार कहानी

एक बार विजयनगर के दरबार में एक चंचल व्यापारी पहुँचा, जिसने दावा ठोंका कि उसके पास दुनिया की सबसे तीखी और लाजवाब काली मिर्च है। राजा कृष्णदेव राय ने इस दावे पर हँसी उड़ाते हुए तेनालीराम को बुलाया और कहा

New Update
tenaliram-aur-tikhi-mirch
Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

यह मज़ेदार कहानी तेनालीराम की है, जो एक व्यापारी के तीखी मिर्च के दावे को चतुराई से परखता है। मिर्च को उबालकर पानी पिलाने का उसका तरीका सच्चाई उजागर करता है, और राजा भी उसकी बुद्धिमानी से प्रभावित होते हैं। यह कहानी हँसी-मज़ाक के साथ एक सबक भी देती है।

कहानी: तेनालीराम और तीखी मिर्च  

एक बार विजयनगर के दरबार में एक चंचल व्यापारी पहुँचा, जिसने दावा ठोंका कि उसके पास दुनिया की सबसे तीखी और लाजवाब काली मिर्च है। राजा कृष्णदेव राय ने इस दावे पर हँसी उड़ाते हुए तेनालीराम को बुलाया और कहा, "अरे तेनाली, इस व्यापारी की बात को परखो। साबित करो कि उसकी मिर्च उतनी तीखी नहीं, जितना वह कह रहा है!" तेनालीराम ने मुस्कुराते हुए कहा, "ठीक है, महाराज, देखते हैं इस मिर्च का असली रंग!"

व्यापारी ने गर्व से एक मुट्ठी काली मिर्च तेनालीराम को थमाई। तेनालीराम ने उसे एक बड़े बर्तन में पानी डालकर उबालने के लिए रख दिया। दरबार में सभी हैरानी से देख रहे थे। व्यापारी बोला, "ये क्या कर रहे हो, बाबू? मिर्च उबालने से उसकी तीखाई कम हो जाएगी!" तेनालीराम ने चुटकी लेते हुए कहा, "धैर्य रखो, भाई, असली खेल तो अभी शुरू हुआ है!"

कुछ देर बाद जब मिर्च अच्छी तरह उबल गई, तेनालीराम ने उस पानी को एक गिलास में निकाला और व्यापारी की ओर बढ़ाते हुए बोला, "आओ, इसका स्वाद चखो और हमें बताओ कि तुम्हारी मिर्च कितनी तीखी है!" व्यापारी पहले तो हिचकिचाया, लेकिन राजा के दबाव में उसने एक घूंट लिया। अचानक उसकी आँखों से आँसू बहने लगे, नाक से पसीना टपका, और वह खांसते-खांसते लाल हो गया। दरबार में ठहाके गूँज उठे।

तेनालीराम ने शांत स्वर में राजा से कहा, "महाराज, अगर इस मिर्च का उबला हुआ पानी भी इतना तीखा है कि व्यापारी इसे सह नहीं पाया, तो यही साबित होता है कि यह सचमुच दुनिया की सबसे शानदार मिर्च है!" व्यापारी शर्मिंदगी से बोला, "अरे, मैं तो मजाक कर रहा था, इतनी तीखाई तो मैंने सोची भी नहीं!" तेनालीराम ने हँसते हुए कहा, "मजाक तो ठीक है, लेकिन सच सामने आ गया न!"

राजा ने तेनालीराम की चतुराई पर खुश होकर उसे इनाम दिया। बाद में तेनालीराम ने दरबारियों से कहा, "दोस्तों, कभी-कभी थोड़ा प्रयोग करके सच्चाई निकाल लो, वरना दिखावा सबको बेवकूफ बना देता है!" उस दिन से दरबार में तेनालीराम की एक और चतुराई की कहानी मशहूर हो गई। व्यापारी ने माफी माँगी और कहा, "भाई, तुमने मुझे सबक सिखा दिया, अब सच्चाई ही बेचूँगा!"

सीख

इस बेस्ट हिंदी फन स्टोरी से हमें यह Fun story के रूप में सीख मिलती है कि चतुराई और प्रयोग से सच्चाई सामने लाई जा सकती है। दिखावे पर भरोसा न करें, बल्कि अपनी समझ से हर चीज़ की परीक्षा लें।

और पढ़ें : 

चालाक चिंटू ने मानी ग़लती | हिंदी कहानी

चेहरे को ठंड क्यों नहीं लगती?

Fun Story : मोहित का चतुराई भरा प्लान

आनंदपुर का साहसी हीरो

Tags : best fun story for children | best hindi fun stories | best hindi fun stories in hindi | comedy and fun stories for kids | comedy and fun story | Fun Stories | मज़ेदार जंगल कहानी पढ़ें | Lotpot बाल कहानी | चालाकी की कहानी | छोटी नैतिक कहानी | छोटी प्रेरक कहानी | छोटी बाल कहानी | छोटी मजेदार कहानी